देखते देखते - Dekhte Dekhte - Atif Aslam,Nusrat Fateh Ali Khan Saab Lyrics

Singer | Atif Aslam,Nusrat Fateh Ali Khan Saab |
Music | Music By: रोचक कोहली, T-Series Music |
Song Writer | Lyrics By: मनोज मुन्तशिर |
रज के रुलाया, रज के हँसाया
मैंने दिल खो के, इश्क कमाया
माँगा जो उसने, एक सितारा
हमने ज़मीं पे, चाँद बुलाया
जो आँखों से हाय
वो जो आँखों से इक पल (पल भर) ना ओझल हुए
वो जो आँखों से इक पल (पल भर) ना ओझल हुए
लापता हो गए देखते देखते
सोचता हूँ
सोचता हूँ के वो कितने मासूम थे
सोचता हूँ के वो कितने मासूम थे
क्या से क्या हो गए देखते देखते
सोचता हूँ के वो...
वो जो कहते थे बिछड़ेंगे ना हम कभी
वो जो कहते थे बिछड़ेंगे ना हम कभी
अलविदा हो गए देखते देखते
सोचता हूँ...
एक मैं एक वो, और शामें कई
चाँद रौशन थे तब आसमाँ में कई
यारियों का वो दरिया उतर भी गया
और हाथों में बस रेत ही रह गयी
कोई पूछे के हाय
कोई पूछे के हमसे ख़ता क्या हुई
क्यूँ खफ़ा हो गए देखते देखते
आते जाते थे जो साँस बन के कभी
आते जाते थे जो साँस बन के कभी
वो हवा हो गए देखते देखते
वो हवा हो गए हाय
वो हवा हो गए देखते देखते
अलविदा हो गए देखते देखते
लापता हो गए देखते देखते
क्या से क्या हो गए देखते देखते
जीने मरने की हम थे वजह और हमीं
जीने मरने की हम थे वजह और हमीं
बेवजह हो गए देखते देखते
सोचता हूँ...
मैंने दिल खो के, इश्क कमाया
माँगा जो उसने, एक सितारा
हमने ज़मीं पे, चाँद बुलाया
जो आँखों से हाय
वो जो आँखों से इक पल (पल भर) ना ओझल हुए
वो जो आँखों से इक पल (पल भर) ना ओझल हुए
लापता हो गए देखते देखते
सोचता हूँ
सोचता हूँ के वो कितने मासूम थे
सोचता हूँ के वो कितने मासूम थे
क्या से क्या हो गए देखते देखते
सोचता हूँ के वो...
वो जो कहते थे बिछड़ेंगे ना हम कभी
वो जो कहते थे बिछड़ेंगे ना हम कभी
अलविदा हो गए देखते देखते
सोचता हूँ...
एक मैं एक वो, और शामें कई
चाँद रौशन थे तब आसमाँ में कई
यारियों का वो दरिया उतर भी गया
और हाथों में बस रेत ही रह गयी
कोई पूछे के हाय
कोई पूछे के हमसे ख़ता क्या हुई
क्यूँ खफ़ा हो गए देखते देखते
आते जाते थे जो साँस बन के कभी
आते जाते थे जो साँस बन के कभी
वो हवा हो गए देखते देखते
वो हवा हो गए हाय
वो हवा हो गए देखते देखते
अलविदा हो गए देखते देखते
लापता हो गए देखते देखते
क्या से क्या हो गए देखते देखते
जीने मरने की हम थे वजह और हमीं
जीने मरने की हम थे वजह और हमीं
बेवजह हो गए देखते देखते
सोचता हूँ...
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